रचना दिनांक। 16 जनवरी 2025 वार,, शुक्रवार समय सुबह ग्यारह बजे ्भावचित्र ् ््निज विचार ्् ््शीर्षक ्् हरित हरियाली से आच्छादित वन जंगल पहाड़ धरती पर रह रहे हैं, जो कर्म भूमि पर जातक को परखना तन मन से भाव से पुजा अर्चना कर देख रही है। सौन्दर्यवादी प्राकृतिक रूप में निर्मल झरना झरता है और ताल तलैया में राह बनाते हैं,, पगडंडियों में फलदार वृक्ष से कैसुडी से सुन्दर वृक्ष पर फागुनी बयार में बंसत रीतु के,, आंगन में रंग बिरंगे रूप संजीले सेहरा बांध कर हिन्द फौज पर तैनात सैनिकों का प्लाटून से सुसज्जित है ।। रणभूमि पर रणबांकुरे देश की आन बान शान है जो देश निर्माण, युवा शक्ति को राह दिखाने वाले इस पैगाम में कामयाब रहे है।।।। यह एक ऐसा सवाल है जो हर भारतीय नागरिक मतदाता जागरूकता, से जन्मा विचार सच में आवश्यक कर्तव्य होना चाहिये।। यही देशभक्त वीरभूमि पर प्राण आहूत करता हूं का जोश खरोश उन्दा सोच पर निर्भर करता है।। मातृभूमि मातृभाषा में सभी धर्मों का निचोड़ प्रेरणा स्त्रोत प्रथम निर्भीक होकर ध्यान देना जरूरी है देश है तो हम हैं वरना खत्म है यह जिन्दगानी यह संकल्प ही जिंदगी है और जिन्दगी ही आनंद है यह मेरा पहला शपथ जीवन क़म है,, ।।जयहिन्दूस्तान जयसंविधान में ही जिंदगी का आयना नज़रिया सहज महज़ प्रेम शब्द ही मातृप्रेम से जन्मा विचार सच सनातन विचार सच है।। ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद ् 16 जनवरी 2025,, ©Shailendra Anand भक्ति सागर Entrance examination Extraterrestrial life ्कवि शैलेंद्र आनंद