ये दूरियां अब तुझ बिन कही नही जाती तेरी बाहों की वो गर्मी के एहसास अब इन ठंडे मौसम मे तुझे छोड़ दूर सरहद पर सही नही जाती फिर से इंतजार है कब ये छुट्टी के ठंडे मौसम मे तेरी बाहों की गर्मी का मेरी बाहों को दीदार हो और फिर रात की ठंड मे बस उस बंद कमरे मे कुछ अलग ही बहार हो " जवानों के लिए ये अल्फाज मेरी ओर से छोटी सी गुस्ताखी " #soldiers #couples #love #nojotohindi #write - nayak 0.9 ☑ 🍁🍁______________________________ ये दूरियां अब तुझ बिन कही नही जाती तेरी बाहों की वो गर्मी के एहसास अब इन ठंडे मौसम मे तुझे छोड़ दूर सरहद पर सही नही जाती