White मेरे वो ख्वाब जो पहले हरे भरे थे आज वे पतझड़ क़ी चपेट मे आकर अपना वजूद ख़ो रहे है मेरे वो ख्वाब जो पहले दरिया क़ी लहरो पऱ बैठ कर झूला झूलते थे. आज वही ख्वाब समुन्द्र का खारा पानी पी कर उल्टिया कर रहै है ©Parasram Arora मेरे वो ख्वाब