बरस बरस क़े बाद जन्म जन्म क़े बाद आज मन सुगना बहका रे. बरस बरस क़े बाद जन्म जन्म क़े बाद आज फिर फागुन महका रे ©Parasram Arora बरस बरस क़े बाद