भूल जाने की तसल्ली यादों को नहीं आती; ठहरने की उम्मीद मेरी सांसों को नहीं आती, रातें बेवजह बदनाम हो गई के बहुत लंबी है! नींद तो कमबख्त इन आंखों को नहीं आती। ✍️"हुड्डन"🙏 #शुभ_रात्री