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वो कॉलेज की पिछली सीट से तूझे निहारना, बालों की क

वो कॉलेज की पिछली सीट से तूझे निहारना,

बालों की क्लिप को बार बार सम्हालना।

पेन को नीचे गिराकर सबसे छिपकर मुझे देखना,

सहेलियों की बातों के बीच इक मुस्कान का इशारा।

कैसे भूलूं मैं तेरी हर अदा,

कि लगता है अब ऐसा जैसे,

पहली बार मिला हूं तुमसे हर दफा।।


हॉस्टल की खिड़की से इशारों में बातें,

कैंटीन के पीछे गुपचुप सी मुलाकातें,

बाइक के पिछली सीट की हर शैतानी,

लड़कपन में भी करना हरपल कोई बचकानी।

कैसे भूलूं मैं तेरी हर अदा,

कि लगता है

पहली बार मिला हूं तुमसे हर दफा।।


वो ऑफिस में बॉस की डांट से उदास होना,

कपड़ों की मैचिंग ना मिलने पर शिकायतें,

ज़रा सी टेंशन में दांतों से नाखून दबाना,

कभी बेवजह बैठे किसी पुरानी बात पर खिलखिलाना,

यूं तो हर शाम होती थी मुलाक़ात हमारी,

पर हमेशा जानें क्यूं बस यही लगता था,

जैसे

पहली बार मिला हूं तुमसे हर दफा

पहली बार मिला हूं तुमसे हर दफा।।

Anand Pandey पहली बार मिला हूं तुमसे हर दफा।

#InspireThroughWriting
वो कॉलेज की पिछली सीट से तूझे निहारना,

बालों की क्लिप को बार बार सम्हालना।

पेन को नीचे गिराकर सबसे छिपकर मुझे देखना,

सहेलियों की बातों के बीच इक मुस्कान का इशारा।

कैसे भूलूं मैं तेरी हर अदा,

कि लगता है अब ऐसा जैसे,

पहली बार मिला हूं तुमसे हर दफा।।


हॉस्टल की खिड़की से इशारों में बातें,

कैंटीन के पीछे गुपचुप सी मुलाकातें,

बाइक के पिछली सीट की हर शैतानी,

लड़कपन में भी करना हरपल कोई बचकानी।

कैसे भूलूं मैं तेरी हर अदा,

कि लगता है

पहली बार मिला हूं तुमसे हर दफा।।


वो ऑफिस में बॉस की डांट से उदास होना,

कपड़ों की मैचिंग ना मिलने पर शिकायतें,

ज़रा सी टेंशन में दांतों से नाखून दबाना,

कभी बेवजह बैठे किसी पुरानी बात पर खिलखिलाना,

यूं तो हर शाम होती थी मुलाक़ात हमारी,

पर हमेशा जानें क्यूं बस यही लगता था,

जैसे

पहली बार मिला हूं तुमसे हर दफा

पहली बार मिला हूं तुमसे हर दफा।।

Anand Pandey पहली बार मिला हूं तुमसे हर दफा।

#InspireThroughWriting
anandpandey8921

Anand Pandey

New Creator

पहली बार मिला हूं तुमसे हर दफा। #InspireThroughWriting #poem