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White चलो मैं जाता हूँ उस ठहराब की गली जहाँ ना दुख

White चलो मैं जाता हूँ उस ठहराब की गली
जहाँ ना दुख हो ना कोई तिकलीफ
जहाँ ना खुदा हो और ना कोई शैतान
जहाँ ना कोई मुझे जाने, ना पहचाने
जहाँ मै गुमनाम रहूँ....
जहां ना धोखा और ना ही फेरेब
देखूं वहाँ चाहे जहाँ इनसान ना ही कहीं
एक बड़ी सी जमीन हो, 
जमीन पे घास और नीला आसमान,
 आसमान में वादल हो, 
वादल में सूरज हो और सूरज में धूप हो,
धूप में किरण हो और वहती नदी के पानी से टकराकर,
 एक झोपड़ी की खिड़की पर गिर रही हो,
 दूर जमीं' के एक हिस्से से बकरी के बच्चों के खेलने की आवाज आ रही हो , 
ठंडी हवा अपनी धुन में वह रही हो,
और मुझे बार-बार छू कर अपने होने का एहसास दिला रही हो, 
जहां ना टेंशन हो और ना Anxiety 
जहाँ जाकर में खुद की खो जाऊँ और नींद अगर तो मैं सो जाँऊँ, 
खुले जो आंख तो मैं अपने घर ही खुद को पाऊ, 
हाये मेरे सपने भी मेरी तरह अजीब है।

©Lalit Shihir
  #weather_today चलो मैं जाता हूँ उस ठहराब की गली
जहाँ ना दुख हो ना कोई तिकलीफ
जहाँ ना खुदा हो और ना कोई शैतान
जहाँ ना कोई मुझे जाने, ना पहचाने
जहाँ मै गुमनाम रहूँ....
जहां ना धोखा और ना ही फेरेब
देखूं वहाँ चाहे जहाँ इनसान ना ही कहीं
एक बड़ी सी जमीन हो,
neeravnishani6781

Lalit Shihir

New Creator

#weather_today चलो मैं जाता हूँ उस ठहराब की गली जहाँ ना दुख हो ना कोई तिकलीफ जहाँ ना खुदा हो और ना कोई शैतान जहाँ ना कोई मुझे जाने, ना पहचाने जहाँ मै गुमनाम रहूँ.... जहां ना धोखा और ना ही फेरेब देखूं वहाँ चाहे जहाँ इनसान ना ही कहीं एक बड़ी सी जमीन हो, #SAD #शायरी #LalitShihir #Shihirlalit #LalitShihirPoetry

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