मैं लिखते-लिखते थक गई। वो पढ़ते-पढ़ते ऊब गए। कोई अस्तित्व नहीं मेरी कविता का कोई मोल नहीं मेरी रचना का सब व्यर्थ है। अगर ये कलम उस मासूम को ना बचा पाये उसे इन्साफ ना दिला पाये दरिंदो को इंसान ना बना पाए तो मेरा लिखना आपका आवाज़ उठाना सब व्यर्थ है। #savegirl #nojotohindi #poetry