मुश्किलों का दौर है,तुम्हें लड़ना तो होगा कोई रुलाएं ना तुम्हें फ़िर, तुम्हें यूं हँसना तो होगा इश्क़ मोहब्बत प्यार कि बातों में सब उलझाएँगे यहाँ देखों उलझ कर रुक ना जाना तुम,कि तुम्हें चलना तो होगा है ख़्वाबों के शहर तुम्हारे भी, पूरा तुम्हें वो करना तो होगा है अश्क़ और दर्द़ भी बहुत मग़र,इन राहों से गुज़रना तो होगा कब तक करते रहोगें यूँही विलाप उसे खोने का हो उसे भी एहसास तुम्हें खोने का, तुम्हें वो बनना तो होगा। ^^^~अफरोज़ आलम~^^ #keep walking#