उससे मोहब्बत कमाल हुई थी, आँखें चार सालों साल हुई थी। हमनें तो इच्छा भी जाहिर की थी, पर इच्छाएँ कई बार हलाल हुई थी। ना हारे, ना इश्क़ की लौ कम हुई थी, अंततः मोहब्बत रौशन जमाल हुई थी। आज भी रौशन है चिराग इश्क़ का, क्या कहूँ मोहब्बत बेमिसाल हुई थी। "प्रिय लेखकों" कृपया "Caption" को ध्यानपूर्वक पढ़े। आज के शब्द है 👉 🌸"उससे मोहब्बत कमाल हुई थी"🌸🌻"Usse mohabbat kamaal hui thi"🌻 इन शब्दों पर अपनी एक रचना लिखें।