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स्पर्श हवा का जब बूंदें करें, बादल, बरखा बन बन

स्पर्श हवा का जब बूंदें करें,
   बादल, बरखा बन बन झरें।
   'मनु' बूंदें...
स्पर्श हवा का जब बूंदें करें,
   बादल, बरखा बन बन झरें।
   'मनु' बूंदें...

बूंदें... #poem