White अनुभूति कभी तू हवा बन के परम चैतन्य का एहसास कराती कभी तू परम चैतन्य को मां गंगा जैसा मुझ में बाहती कभी तू हृदय में अपनी प्रेम की अनुभूति करवाती कभी सहस्रार में अपना सिंहासन ले बैठती कभी तो हृदय में सहस्रार का आवाहन करती कभी तू ही सहस्रार में हृदय बन के धड़कती कभी तो चित्त को हिमालय ले जाती कभी हिमालय को सहस्रार ले आती कभी तू सूक्ष्म यंत्र बनाकर शून्य करती कभी तू शून्य में मुझको विलन करती ©Rakhi Om #sahajyoga