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221 221 221 22 बिल्कुल तुम्हारी तरह मैं भी रोया। क

221 221 221 22
बिल्कुल तुम्हारी तरह मैं भी रोया।
क्या क्या बताओ नहीं मैंने खोया।

रौनक सुकू तुम हंसी ले गई थी।
इस जिंदगी की खुशी ले गई थी।
रातों को जागा कहां मैं भी सोया।
क्या क्या बताओ नहीं मैंने खोया।

उलझन उदासी तेरी याद औ’ मैं,
जिंदा था लेकिन था जैसे नहीं मैं।
आंसू से आंखों को अपने भिगोया।
क्या क्या बताओ  नहीं  मैंने खोया।

तुम गैर की बांँह थामे हुई थी,
बेशक गलत राह थामे हुई थी।
वो ही मिला ‘मन’ था जो तुमने बोया।
क्या क्या बताओ नहीं मैंने खोया।

आके गले लग रही अब भला क्यों।
भेजा यहांँ पर तुम्हें रब भला क्यों।
जन्न त से  आई   हुई   हूर   गोया।
क्या क्या बताओ  नहीं मैंने खोया। #रातकाअफ़साना  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
#मौर्यवंशी_मनीष_मन #गीत_मन
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बिल्कुल तुम्हारी तरह मैं भी रोया।
क्या क्या बताओ नहीं मैंने खोया।

रौनक सुकू तुम हंसी ले गई थी।
इस जिंदगी की खुशी ले गई थी।
रातों को जागा कहां मैं भी सोया।
क्या क्या बताओ नहीं मैंने खोया।

उलझन उदासी तेरी याद औ’ मैं,
जिंदा था लेकिन था जैसे नहीं मैं।
आंसू से आंखों को अपने भिगोया।
क्या क्या बताओ  नहीं  मैंने खोया।

तुम गैर की बांँह थामे हुई थी,
बेशक गलत राह थामे हुई थी।
वो ही मिला ‘मन’ था जो तुमने बोया।
क्या क्या बताओ नहीं मैंने खोया।

आके गले लग रही अब भला क्यों।
भेजा यहांँ पर तुम्हें रब भला क्यों।
जन्न त से  आई   हुई   हूर   गोया।
क्या क्या बताओ  नहीं मैंने खोया। #रातकाअफ़साना  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
#मौर्यवंशी_मनीष_मन #गीत_मन