थामा एक नारी ने हाथ और दिया कसम पूरी करने का साथ, पता था उसे उस मासूम की कहानी ,उसमें भी क्या उन्माद से भरा था जज्बात, उन झूठे हैवानों के झूठ पर करती नित्य आघात, बार बार वो निर्भया की चीख को करती कोर्ट में हाहाकर, बताती और रूबरू करवाती कैसे इंसानियत हो गई शर्मशार, वो पेशे से वकील थी उसकी तीखी थी आवाज, खोलती उनके झूठे प्रमाण का राज़, माँ को ढाढस बंधाती , सत्य को बार बार सभी से परिचय करवाती, पर हार न मानती,अपने अंदर के सैलाब को ठंडा नही होने देती, न्यायालय की तारीख पर तारीख़,पुनर्विचार भी रखती हैं, सब झूठ का पर्दाफ़ाश करके आखिर सत्य की विजय होती हैं, आखिर निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी 2020 को फांसी की सजा करार होती हैं, झूठ की हार और सत्य की विजय पर सुनहरी जीत होती हैं, एक माँ के विश्वास और नारी सम्मान की जीत होती हैं, पर आज भी यह दिल सोच के धधक उठती ज्वाला, उन वेहसी दरिन्दों का बीच सड़क पर करे मुँह काला, पर ये वैधानिक विधियों का उलझनों का जाला, करता हैं हरदम फैसलों में घोटाला, लम्बे समय बाद मिली जीत ,क्योंकि आज हुई सत्य की जीत। Part-2 #हैवानियत #मासुमियत #निर्भया आज यह मासूम की बेदर्द कहानी" सत्य की जीत " कब जीत से पूरी हुई हैं मानो यह पार्ट-2 हैं पार्ट-1 कल के विषय आईना सा दिल मे किया।🙏🙏🙏🙏