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अफ़सोस एक आँघेरी रात में थी परी य

                 अफ़सोस
एक आँघेरी रात में
थी परी याद में
चाहती थी कहना कुछ
अपने वह सपुत्रों से
                          उसके बातों में थी
                          उदासी की भीख
                          चिला कर कहती
                          मैं हु भारत माता कि चीख
इदं ( यह)  कहते है मुझे माता
 पर है ना इनपर भाता
अत्याचार करते है जो रमणी पर
 है वे खरे मणि पर
                           मुझको कहते जय भारत माता 
                           रखो तुम हमपर छाया
                           ऐसा मंत्र करो इजाद 
                           जिससे हम रहे आज़ाद 
दिये है एक आकार हमको 
जिसका है ना ख्याला इनको ||
  #अफ़सोस #आज़ाद #भारतमाता  #yqbaba #yqdidi #yqpoetry #yqpoem
                 अफ़सोस
एक आँघेरी रात में
थी परी याद में
चाहती थी कहना कुछ
अपने वह सपुत्रों से
                          उसके बातों में थी
                          उदासी की भीख
                          चिला कर कहती
                          मैं हु भारत माता कि चीख
इदं ( यह)  कहते है मुझे माता
 पर है ना इनपर भाता
अत्याचार करते है जो रमणी पर
 है वे खरे मणि पर
                           मुझको कहते जय भारत माता 
                           रखो तुम हमपर छाया
                           ऐसा मंत्र करो इजाद 
                           जिससे हम रहे आज़ाद 
दिये है एक आकार हमको 
जिसका है ना ख्याला इनको ||
  #अफ़सोस #आज़ाद #भारतमाता  #yqbaba #yqdidi #yqpoetry #yqpoem