अफ़सोस एक आँघेरी रात में थी परी याद में चाहती थी कहना कुछ अपने वह सपुत्रों से उसके बातों में थी उदासी की भीख चिला कर कहती मैं हु भारत माता कि चीख इदं ( यह) कहते है मुझे माता पर है ना इनपर भाता अत्याचार करते है जो रमणी पर है वे खरे मणि पर मुझको कहते जय भारत माता रखो तुम हमपर छाया ऐसा मंत्र करो इजाद जिससे हम रहे आज़ाद दिये है एक आकार हमको जिसका है ना ख्याला इनको || #अफ़सोस #आज़ाद #भारतमाता #yqbaba #yqdidi #yqpoetry #yqpoem