Nojoto: Largest Storytelling Platform

वो "ओस की बूंद" जैसी थी, बेहद नाजुक़ मैं "गर्मी" की

वो "ओस की बूंद" जैसी थी, बेहद नाजुक़
मैं "गर्मी" की धूप, बहुत तीखा
अब हमदोनो मिज़ाज़ बदलकर "बरसात" मे मिलते हैं |

©Manas Subodh
  #बरसात