स्वतंत्रता का मोल चुकाया, खोकर लाख सपूतों को।
खोया हमने लाजपत और...., भगत सिंह से पूतों को।
जलिया वाला बाग याद है...., कुंड भरा था लाशों से।
कैसे कहूंँ मिली आजादी............, गांधी के प्रयासों से।
सुखदेव, भगत सिंह, राजगुरु, हंसकर फांँसी झूले थे।
पूरा भारत रोया था तब.........., नहीं दिवस वे भूले थे।
झलकारी, चेमन्ना रानी................., गोरों से टकराई थी। #Collab#yqdidi#YourQuoteAndMine#स्वतंत्रतादिवस#hkkhindipoetry#मौर्यवंशी_मनीष_मन#मोलस्वतंत्रताका