तिलक, भाल का गौरव, चंदन दिया करेंगे। मातृभूमि का प्रतिपल वंदन किया करेंगे। जीवन होगा सफल, सार्थक काम करेंगे। मात-पिता और गुरु का, जग में नाम करेंगे। जब तक न फहरेगी विजय पताका नभ में, लेते हैं हम शपथ अब नहीं आराम करेंगे। हम साधक हैं कर्म साधना किया करेंगे। लिखकर अपने भावों से कुछ दिया करेंगे। कुछ होगा या ना होगा, ना इसकी चिंता। हम अपमानित विष घूंटों को पिया करेंगे। ©V. Aaraadhyaa #शपथ