'पिया हठीला है मेरा' पिया हठीला है मेरा सुनता ना एक भी बात वो मेरी, दिन में तो सताता ही है, तोड़ देता है नींद वो रात को भी मेरी। तोड़ चुका है ना जाने कितनी चूड़ियाँ, तोड़ गजरा भी रोज वो लाता है। रूठ जाऊं अगर जानबूझकर भी मैं, बड़ी शिद्दत से मुझे वो मनाता है। अभी शादी को हमारी कुछ दिन हुए हैं, मैं पूछती हूं उससे क्या ये प्यार उम्र भर रहेगा। क्या यूँ ही मनाता रहेगा मुझे मेरे रूठने पर , क्या नखरे वो मेरे उम्र भर सहेगा। मेरे हर सवाल का जबाब अभी वो हाँ में देता है, मैं दुआ करती हूं ना आये ऐसा दिन कभी करे इंकार बात वो मेरी। पिया हठीला है मेरा सुनता ना एक भी बात वो मेरी, दिन में तो सताता ही है, तोड़ देता है नींद वो रात को भी मेरी। ©Ravindra Singh 'पिया हठीला है मेरा' पिया हठीला है मेरा सुनता ना एक भी बात वो मेरी, दिन में तो सताता ही है, तोड़ देता है नींद वो रात को भी मेरी। तोड़ चुका है ना जाने कितनी चूड़ियाँ, तोड़ गजरा भी रोज वो लाता है।