"आप हमसे मिले बेक़रारी बढ़ने लगी,
मुश्किल में जान हमारी पड़ने लगी;
ग़ज़ल कहती हुई आपकी नज़रें,
जब नज़रों पर ही हमारी गढ़ने लगीं।
क्या बताएँ दिल पर फिर क्या-क्या गुज़रने लगी,
धड़कन थमने लगीं साँस बढ़ने लगी;
आपके दिल की ही तो आवाज़ थी, #Poetry#AnjaliSinghal