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नजर से क्यूँ जलाते हो आग चाहत की, जलाकर क्यूँ बुझा

नजर से क्यूँ जलाते हो आग चाहत की,
जलाकर क्यूँ बुझाते हो आग चाहत की,
सर्द रातों में भी तपन का एहसास रहे,
हवा देकर बढ़ाते हो आग चाहत की।
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©अ..से..(अखिलेश).$S....'''''''''!
  Kyon jalate Ho Aag Chahat Ki...😗

Kyon jalate Ho Aag Chahat Ki...😗 #शायरी

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