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# "दिल मेरा पूछ रहा होकर के #हैरा | English Poetry

"दिल मेरा पूछ रहा होकर के #हैरान,
उठाए कैसे चल रही इतने तू लिए तूफ़ान?
मंद-मंद मुस्काई मैं और बोली मत हो तू इतना हैरान,
हाँ, नज़ाकत भरा था बचपन मेरा,
और नखरे थे हजार,
पर जब तक नहीं भरी थी मैंने,
ज़िन्दगी की उन्मुक्त उड़ान।।"
anjalisinghal5635

Anjali Singhal

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"दिल मेरा पूछ रहा होकर के #हैरान, उठाए कैसे चल रही इतने तू लिए तूफ़ान? मंद-मंद मुस्काई मैं और बोली मत हो तू इतना हैरान, हाँ, नज़ाकत भरा था बचपन मेरा, और नखरे थे हजार, पर जब तक नहीं भरी थी मैंने, ज़िन्दगी की उन्मुक्त उड़ान।।" #Poetry #AnjaliSinghal

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