Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैं ग़ज़ल हूँ प्रिये गीत कैसे बनूँ जो तुम्हें चाहिये

मैं ग़ज़ल हूँ प्रिये गीत कैसे बनूँ
जो तुम्हें चाहिये मीत कैसे बनूँ
ठहरी एक खामोशी मेरे मन मे है
तेरे जीवन का संगीत कैसे बनूँ

तुम हो सावन प्रिये, मैं जून का ताप हूँ
तुम हो जीवन प्रिये, मैं बस संताप हूँ
तुम हो मुस्कान सी,अश्क़ का मैं सबब
तुम सहर हो प्रिये, मैं गमों वाली शब
मैं स्वयं हार हूँ ,जीत कैसे बनूँ
जो तुम्हे चाहिए मीत कैसे बनूँ

©Ranjeet onkar
  मीत कैसे बनू..
#alone #Ranjeet

मीत कैसे बनू.. #alone #Ranjeet #शायरी

48 Views