दिल की दहलीज़ आज भी मुँह लटकाये बस इसी इंतज़ार में खड़ी है उसे लाँघकर जाने वाला शख़्स आख़िर आयेगा कब.....?? राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी दहलीज़