अतीत की आहट (अनुशीर्षक में पढ़ें) अतीत की आहट अतीत, जितना भी पीछा छुड़ाना चाहो इससे, ये रहता है मुझमें कहीं शामिल भूलकर इसे चाहे जितना भी रहना चाहूँ मैं खुश, ये याद आकर हर बार तोड़ता है मेरा दिल चहलकदमी करता रहता है ये मेरे आस पास,