*आज का नयापन #ओ पीपल के पीले पत्ते#* ओ पीपल के पीले पत्ते तुझको झड़ना होगा एक दिन, जीर्ण शीर्ण दुषित सी है तेरी काया तुझको संडना होगा एक दिन। नव कोंपल के जन्म आगमन में तुमको गिरना होगा एक दिन, बहुत हुआ पुरातन का नंगा नाच , तुझको जलना होगा एक दिन, काल चक्र के फेरो में बड़े बड़े भुपो के प्रासाद उजाड़ दिये , विश्व नया है लोग नये सोच नयी चाहता है हर मन। *राहुल* *आरेज* नयापन ओ पीपल के पीले पत्ते