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rahulaarej1043
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अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज

मैं राहुल आरेज मीना हिन्दी कविता और मुक्तक लेखक मेरी कविता पढ़ने और सुनने के लिए मेरे यूट्यूब चैनल अभिव्यक्ति और अहसास को ससक्राइव जरूर करे

https://youtube.com/@PoemsWithFeeling?si=oAovMGesjvZEzr0v

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अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज

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अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज

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अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज

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अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज

White नौकरी बजानी होती है सहाब,
झोला उठाकर निकल जाता हूं 
लौट आता निस्तेज 
मै क्या करूं,
पेट बडा हो गया है मेरा 
सब डकार जाता है 
रद्दी हो या बेकार,
नौकरी बजानी होती है सहाब
पकने लगे है अब बाल मेरे ,
सब पता है फिर भी चलायमान तन मन,
रूकता कहां है थमता कहां है 
हा ठिकाना भी जानता हूं 
साठ के बाद का 
वही पिछले का पुराना पलंग ,
गंदी तकिया  और वो अंतिम पथ का प्रथम कोना।
हास्यपद है फिर भी 
नौकरी बजानी पडती है सहाब।

©अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज नौकरी बजानी होती है सहाब

नौकरी बजानी होती है सहाब #मोटिवेशनल

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अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज

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अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज

White अकेलापन बहुत खुबसूरत हो 
जाता है 
जब मोहब्बत खुद से हो

©अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज
  #sad_shayari
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अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज

घड़ीसाज़
नही मिलते 
अब शहर के चौराहे पर
 सब  सुधारने
लगे है वक्त अपना ,
अब घडी की सुइयां
कोई नही गिनता 
ना अब ये कान आदी 
रहे टिक -टिक
आवाज़ सुनने के 
अब नही खराब होती 
घडी किसी 
बस बदलते रहते है हालात ।

©अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज
  #samay
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अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज

अभाव 
मन की उपज है 
बिना अभाव 
के 
नव सृजन संभव नहीं।

©अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज
  #GoldenHour
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अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज

#26janrepublicday
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अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज

अभाव 
हमेशा मन की 
तृष्णा का प्रतिक 
रहा है।
( स्वर्ण  - मृग  तृष्णा सात्विक 
मन कायर है ये है इसका प्रतिक)
{ आगामी कविता उर्मिला का संताप से 
संकलित}

©अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज
  अभाव
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