वक्त न जाने किस करवट पलटे
और हम एक दूसरे जुदा हो जाएं,
तुम अपने तगाफुल में मशरूफ रहो
और हमारे सारे अहद तबाह हो जाएं,
अब यहां सारे मौसम अब बदल गए है
बादल छा चुके है, रात काली हो रही है,
हमारी उम्मीदो का चराग जिसकी
अब लौ भी धीमी हो रही है, #शायरी#मोहब्ब्त