राज्यगीत उत्तर भारत के मध्य में, एक बसै देश हरियाणा सै हरित क्रांति का अग्रणी, जित दूध दही का खाणा सै सिन्धु घाटी पादुर्भाव की, है उद्गम स्थली हरियाणा वैदिक सभ्यता और गीता की, उद्गमस्थली हरियाणा इस गौरवशाली राज्य का, इतिहास बहुत पुराणा सै भगवत गीता के उद्भव का, जन्मस्थल है हरियाणा महाकाव्य महाभारत युद्ध का, रणस्थल है हरियाणा पानीपत की तीन लड़ाईयों का, चश्मदीद हरियाणा सै राजस्थान और दिल्ली यू पी, दक्षिण पश्चिमी राज्य हैं उत्तर में पंजाब हिमाचल, सटे सीमावर्ती राज्य हैं दक्षिण पश्चिम शिवालिक पहाड़ी, अरावली पर्वतमाळा सै सूरजकुण्ड और बड़खल झील, इसे सुशोभित करते हैं हथिनी कुण्ड और ब्रह्म सरोवर, इसे प्रभाषित करते हैं ताजेवाला और कौशल्या बाँध, पाणी का परणाळा सै यमुना घग्गर इन्दिरा नहर, इस राज्य को सिंचित करती हैं मारकण्डा और सरस्वती नदी, राज्य को चिन्हित करती हैं सतलुज यमुना लिंक बणा कै, एक इतिहास रचाणा सै कृषि प्रधान राज्य के कृषक, हरियाणे की शान हैं लम्बे तगड़े युवा सैनिक, इस राज्य की पहचान हैं हृष्टपुष्ट और स्वस्थ नागरिक, जन भागीदार बनाणा सै अंतरराष्ट्रीय खेल जगत में, अव्वल नम्बर हरियाणा दूध उत्पादन और उद्योगों में, सिरमौर हुआ हरियाणा आत्मनिर्भर कौशल विकास से, स्वरोजगार बढ़ाणा सै हरियाणे में लोक कवि और, गीतकार विद्वान हुए उनकी रचना राग रागनी, हरियाणे का मान हुए हरयाणा एक हरयाणवी एक, सबके दिल धड़काणा सै सूर्यकवि श्रीलखमीचन्दजी, गायन रस की खान हुए कवि शिरोमणि माँगेरामजी, जनमाणस की ज्यान हुए लोक कला और संस्कृति में, सबने नाम कमाणा सै आओ मिलकर प्रण करें सब, राज्य का मान बढ़ाएंगे जय हरियाणा जय हरियाणवी का, मिलके नारा लगाएंगे नवनिर्माण करण की सोचो, ना पिछले पे इतराणा सै शिक्षा दीक्षा जन कल्याण से, विकसित समाज बनाएंगे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, हर कन्या को शिक्षित बनाएंगे जगमग गाम स्वच्छ हरियाणा, यो अभियान चलाणा सै गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया @2021 ©Anand Kumar Ashodhiya हरयाणा राज्यगीत #हरयाणा_राज्यगीत