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White मेरे अन्दर काबिज़ है वो, मुझसे जुदा नहीं रहत

White मेरे अन्दर काबिज़ है वो, मुझसे जुदा नहीं रहता 
दाढ़ी टोपी और तिलक में, मेरा खुदा नहीं रहता।

-मनोज मुन्तज़िर

©साहित्य संजीवनी #Paris_Olympics_2024 #Poetry #Shayari #gazal
White मेरे अन्दर काबिज़ है वो, मुझसे जुदा नहीं रहता 
दाढ़ी टोपी और तिलक में, मेरा खुदा नहीं रहता।

-मनोज मुन्तज़िर

©साहित्य संजीवनी #Paris_Olympics_2024 #Poetry #Shayari #gazal