काश रूप कुरूपी हो सकता है इन्सान। हो अच्छी नियती तो बन जाता है महान। दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास, है सबसे बडा हथियार। इन दोनों हथियारों की, है इतनी तिक्ष्ण धार। संघर्ष सामे इससे खेले, जाता है वो बाजी मार। ©पूर्वार्थ #बाजी