ज्यों सीता को राम मिले, मिले राधा को कृष्णा, जिनकी एक झलक मात्र से, मिट जाती है तृष्णा, तेरे लिए हर जन्म हो मेरा, भार्या बनूँ बस तेरी, जन्म जन्म तुम मेरे हो, मेरे ही बनकर रहना। संग रहूँ मैं साथ हमेशा, बनके मधुर इक सपना, हर एक पग साथ हो तेरे, सुख-दुख संग में सहना, कभी ना मन मेरा मैला हो, ना हो कभी तकरार, पथ का तिमिर मिटाऊँगी, दीये समान है जलना। तू मेरा प्रतिबिंब है, साया बनकर संग है चलना, जन्म जन्म तुम मेरे हो, मेरे ही बनकर रहना। ★★ सभी रचनाकारों से अनुरोध है कि लिखने से पूर्व कैप्शन भली भांति पढ़ें★★★ ★ आज का विषय :- 'तुम मेरे हो' ❤️ इस विषय पर सुंदर अक्षरों में अतुकांत कविता लिखने का प्रयास करें। ★ इस कोलाब को पूर्ण कीजिये एवं तस्वीर के सम्मुख खाली जगह पर ही लिखने का प्रयास करें।