#मेरे_इश्क़_का_शहर❤️ मेरे इश्क़ का शहर नाम था बनारस इश्क़ से मिलने हम घूमने भी तो आये थे... घण्टी की आवाज़ से सुबह आरती से शाम हमारी वहाँ की बनारसी पान तो हम खाने ही तो आये थे... मंदिर का त्रिपुंड लगा फुलों से हैं घाट सजा मेरे इश्क़ की कहानी रचने हम चाय पीने ही तो आये थे... बनारसी सिल्क की ओढनी ओढ कानों में झुमकों का शोर होठों मे पान की लाली से सजने ही तो आये थे... सुबह सुबह वो गंगा स्नान बनारस की गालियां महान काशी विश्वनाथ की महिमा हम देखने ही तो आये थे...(2) श्रीया श्री 15/03/2020