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मन चंचल हो पर होश रहे मैत्री में ना कोई दोष रहे मु

मन चंचल हो
पर होश रहे
मैत्री में ना कोई दोष रहे
मुखमंडल पर एक तेज रहे
कृष्ण जैसा एक स्नेह रहे
कोई गोरा हो कोई काला हो 
किसी से ना कोई द्वेष रहे
यह होली ऐसी श्रेष्ठ रहे 
यह होली ऐसी श्रेष्ठ है।।

©SHAILESH TIWARI
  # होली ऐसी श्रेष्ठ रहे

# होली ऐसी श्रेष्ठ रहे #शायरी

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