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#5LinePoetry अब तो देखी नहीं जाती अपने अज़ीज़ की

#5LinePoetry  अब तो देखी नहीं जाती अपने अज़ीज़ की खामोशी,
इन आपदाओं ने हर तरफ़ श्मशान बना रखा है,
यहां तो फीके पड़ गए हैं सब खून के रिश्ते,
इस बिमारी ने इस कद्र डरा रखा है,
किसी बेगाने कैसे समझाए कि हम हैं अपने,
इस बिमारी के डर ने कितनी दूर बिठा रखा है,
हाथ धोते धोते मिट ग‌ई हैं हाथ की लकीरें,
क्या बताएं किस्मत में क्या लिखा रखा है।

©Harvinder Ahuja #खमोशी
#5LinePoetry  अब तो देखी नहीं जाती अपने अज़ीज़ की खामोशी,
इन आपदाओं ने हर तरफ़ श्मशान बना रखा है,
यहां तो फीके पड़ गए हैं सब खून के रिश्ते,
इस बिमारी ने इस कद्र डरा रखा है,
किसी बेगाने कैसे समझाए कि हम हैं अपने,
इस बिमारी के डर ने कितनी दूर बिठा रखा है,
हाथ धोते धोते मिट ग‌ई हैं हाथ की लकीरें,
क्या बताएं किस्मत में क्या लिखा रखा है।

©Harvinder Ahuja #खमोशी