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भाग..7.. शीर्षक..राघव और सुजाता के चर्चे हर जगह ह

भाग..7.. शीर्षक..राघव और सुजाता के चर्चे हर जगह
 हो रहे थे।
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एक दिन सुजाता की मां खेत गई हुई थी।इधर सुजाता 
अपने  घर  में अकेली थी । अचानक  राघव चाची जी- 
चाची जी बोलते हुए घर के अंदर आ गया.........देखा 
सामने आंगन में सुजाता खड़ी थी!राघव बोला.... तुम 
मिलने क्यों नहीं आती हो ? तुम्हारे बिना मेरा इस गांव 
में थोड़ा भी दिल नहीं लगता है।सुजाता शांत लहजे में 
बोली....... राघव जी मां घर में नहीं है आप बाहर चले 
जाएं!राघव बोला....तुम मिलने आओगी ना...सुजाता 
बोली.... गांव में हम दोनों की बदनामी हो रही है!लोग 
हम दोनों के बारे में गलत-सलत बातें करते हैं.....आप 
घर से तुरंत बाहर चले जाएं........यह कहकर सुजाता 
राघव को  धकेलते  हुए  घर  से बाहर निकाल दी और 
दरवाजा अंदर से बंद कर दिया।राघव....बेचैन बोलता 
रहा.... सुनो.... दरवाजा खोलो.... मैं कुछ बात करना 
चाहता हूं.........लेकिन सुजाता अनसुना कर चुपचाप 
अंदर  चली गई ! राघव भी  मुंह लटकाए  वापस  लौट 
गया और मन में सोचा जरूर कोई बात है। कुछ महीने 
बाद  राघव  का  बड़ा  भाई  माधव  ससुराल आता है। 
अपनी  सासू  मां  से   और  साले से सुजाता के बारे में 
शादी  ब्याह   का  चर्चा करता है लेकिन ससुराल वाले 
मना कर  देते हैं। माधव एक समझदार  इंसान था वह 
कुछ दिनों  तक अपने ससुराल में रहकर  सुजाता  पर 
नजर रखा और गांव के बच्चों से,बुजुर्गों से सुजाता की 
जानकारी ली । एक दिन  माधव सुजाता के घर आया 
और सुजाता के मां का पैर छूकर प्रणाम किया।सुजाता 
की मां बोली..... बेटा तुम कौन हो....मैं पहचानी नहीं!
माधव बोला...मां जी मैं सलोनी का पति हूं!मां बोली..
अच्छा अच्छा...दामाद जी... बैठिए!
""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""
आगे भाग...8... पढ़ें.....प्रमोद मालाकार की कलम से
24.07.2021....96
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©pramod malakar #Unframedराघव और सुजाता के चर्चे...96...

#DearCousins  shayar Amar singh'nidhi Ram Singh Naresh  Ayush Yadav Mr viku107 ༆☬ȼħħøŧᵾ☬༒꧂  Babita Kumari
भाग..7.. शीर्षक..राघव और सुजाता के चर्चे हर जगह
 हो रहे थे।
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एक दिन सुजाता की मां खेत गई हुई थी।इधर सुजाता 
अपने  घर  में अकेली थी । अचानक  राघव चाची जी- 
चाची जी बोलते हुए घर के अंदर आ गया.........देखा 
सामने आंगन में सुजाता खड़ी थी!राघव बोला.... तुम 
मिलने क्यों नहीं आती हो ? तुम्हारे बिना मेरा इस गांव 
में थोड़ा भी दिल नहीं लगता है।सुजाता शांत लहजे में 
बोली....... राघव जी मां घर में नहीं है आप बाहर चले 
जाएं!राघव बोला....तुम मिलने आओगी ना...सुजाता 
बोली.... गांव में हम दोनों की बदनामी हो रही है!लोग 
हम दोनों के बारे में गलत-सलत बातें करते हैं.....आप 
घर से तुरंत बाहर चले जाएं........यह कहकर सुजाता 
राघव को  धकेलते  हुए  घर  से बाहर निकाल दी और 
दरवाजा अंदर से बंद कर दिया।राघव....बेचैन बोलता 
रहा.... सुनो.... दरवाजा खोलो.... मैं कुछ बात करना 
चाहता हूं.........लेकिन सुजाता अनसुना कर चुपचाप 
अंदर  चली गई ! राघव भी  मुंह लटकाए  वापस  लौट 
गया और मन में सोचा जरूर कोई बात है। कुछ महीने 
बाद  राघव  का  बड़ा  भाई  माधव  ससुराल आता है। 
अपनी  सासू  मां  से   और  साले से सुजाता के बारे में 
शादी  ब्याह   का  चर्चा करता है लेकिन ससुराल वाले 
मना कर  देते हैं। माधव एक समझदार  इंसान था वह 
कुछ दिनों  तक अपने ससुराल में रहकर  सुजाता  पर 
नजर रखा और गांव के बच्चों से,बुजुर्गों से सुजाता की 
जानकारी ली । एक दिन  माधव सुजाता के घर आया 
और सुजाता के मां का पैर छूकर प्रणाम किया।सुजाता 
की मां बोली..... बेटा तुम कौन हो....मैं पहचानी नहीं!
माधव बोला...मां जी मैं सलोनी का पति हूं!मां बोली..
अच्छा अच्छा...दामाद जी... बैठिए!
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आगे भाग...8... पढ़ें.....प्रमोद मालाकार की कलम से
24.07.2021....96
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©pramod malakar #Unframedराघव और सुजाता के चर्चे...96...

#DearCousins  shayar Amar singh'nidhi Ram Singh Naresh  Ayush Yadav Mr viku107 ༆☬ȼħħøŧᵾ☬༒꧂  Babita Kumari

#Unframedराघव और सुजाता के चर्चे...96... #DearCousins shayar Amar singh'nidhi Ram Singh Naresh Ayush Yadav Mr viku107 ༆☬ȼħħøŧᵾ☬༒꧂ Babita Kumari #लव