काश मेरी मोहब्बत वो समझ जाता, बेसब्र था वो,ये जनता था दिल मेरा, पर काश थोड़ा सब्र वो कर जाता, बहुत मन्नतों से बने रिश्ते को तोड़ा नहीं जाता, नहीं समझा था वो , कि रास्तों में अपनो को छोड़ा नहीं जाता, सुखी जमीन थी मेरे नाम की काश वो अब्र बन जाता, बेसब्र था वो ये जनता था दिल मेरा, पर काश वो थोड़ा सब्र कर जाता, बदला भी तो वो किसके लिए जिसे वो हाल में मिला था, बात करता मुझसे आकर गर मुझसे कोई गिला था, मांगा था उसे जितनी भी दुआओं में जाते जाते सारी दुआ बेअसर कर जाता, बेसब्र था वो ये जानता था दिल मेरा, पर काश वो थोड़ा सब्र कर जाता। ©SpeaK OuT #Light #love❤️ #Laadla #Pyaar❤️ #pehlapyaar #rishte #Quote #linespoetry