कुण्डलिया :-
संकट सम्मुख देखकर , देते आपा खोय ।
देते फिर भी ज्ञान हैं , राम करे सो होय।।
राम करे सो होय , जानते सब है प्राणी ।
फिर क्यों करके क्रोध , बोलते हो कटु वाणी ।
भूल प्रेम व्यवहार , खड़ा करते हो झंझट ।
आज परीक्षा मान , भूल जाओ सब संकट ।। #कविता