कोई स्वार्थी कह देता हैं ,तो कोई कुछ कोई चालाक कह देता है, तो कोई कुछ कोई फरेबी कह देता है, तो कोई कुछ कोई जालसाज़ कह देता हैं, तो कोई कुछ कोई बार–बार गलतियां गिनाता हैं,तो कोई कुछ पर जैसी हूं वैसा कोई समझता ही नहीं मुझे। Naina ki Nazar se Naina ki Nazar se