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चल पड़े हैं साथ में मंज़िलों की ओर। बुला रहा प्रकाश

चल पड़े हैं साथ में मंज़िलों की ओर।
बुला रहा प्रकाश है मुस्कराती भोर।
उम्मीदों का दामन थाम कर घर से निकल पड़े।
मन में लिये ख्वाहिश और ज़ज़्बातों की डोर।
s.sneh

©Sneh Lata Pandey 'sneh'
  #ख्वाहिशों की डोर