जहाँ जरूरत नही है मेरी वहाँ दख़ल देना भी नही है, जहाँ कदर नही है मेरी वहाँ रूकना भी नही है । गलतफहमी में जो जी रहे उनमें वक़्त जाया करना नही है, जहाँ गलती नही है मेरी वहाँ झुकना भी नही है । अच्छे बुरे जैसे भी है दिखावा मुझे करना नही है, रूठे है तो रूठे रहे मुझे उनको मनाना भी नही है । बोलते हैं मीठे जो उनकी चापलूसी मुझे करनी नही है, कड़वें हैं हम तो इसलिए मिश्री बनना भी नही है । लायक नही है सम्मान के जो उनके पैरों में गिरना नही है, खोट जिनके मन में है उनके क़रीब मुझे जाना भी नही है । पीठ पीछे जो बक बक करते हैं ध्यान उस ओर देना ही नही है, अगर सही हैं हम तो किसी से डरना भी नही है । दुनिया के तानों की परवाह न कर निरंतर आगे हमें बढ़ना है, जब है काबिलियत हम में तो किसी भी दम पर पीछे हटना नही है ।। ©purvarth #दिखावामतकरो