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महबूब मेरा कुछ इस कदर शर्माया रहा मैं करूं बातें

महबूब मेरा कुछ इस कदर शर्माया रहा

मैं करूं बातें वो बात सुने
मैं दिन बोलूं , वो रात सुने

क्या यूं कान का कच्चा होना ठीक है
एक तो कच्ची उम्र में इश्क
दूजा इश्क में बच्चा होना ठीक है

माना सादगी है ये तेरी
और सादा है ये जीवन तेरा
मैंने भी रंग देखे हैं जमाने के
ये रंग छीन (जमाना)..
बैरंग लौटा देगा सब सामान तेरा

©Manish Sarita(माँ )Kumar
  चंद बातें। 





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