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__अपने__ आँखे अब नहीं रोती, पुराना वक्त याद कर के।

__अपने__
आँखे अब नहीं रोती,
पुराना वक्त याद कर के।
टूटे लहज़े से वो,
अब नहीं हकलाता है।
बढ़ गया है आगें
समय से वो।

जितने अपने न थे
उससे ज्यादा कही विरोधी 
थी तो क़ामयाबी पास 
फिर भी असफलता के नारे थे
कितना हताश बैठा हूँ 
जहाँ मेरे अपने थे। __अपने__
#आँखे
#रोती
#हकलाता
#नारे
#khnazim
__अपने__
आँखे अब नहीं रोती,
पुराना वक्त याद कर के।
टूटे लहज़े से वो,
अब नहीं हकलाता है।
बढ़ गया है आगें
समय से वो।

जितने अपने न थे
उससे ज्यादा कही विरोधी 
थी तो क़ामयाबी पास 
फिर भी असफलता के नारे थे
कितना हताश बैठा हूँ 
जहाँ मेरे अपने थे। __अपने__
#आँखे
#रोती
#हकलाता
#नारे
#khnazim