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मन में कितने मीठे सपने पर जुबां खारी रखो दिल ने

 मन में कितने मीठे सपने पर जुबां खारी रखो 
दिल ने है फरमान भेजा ये मौन ब्रत जारी रखो

गम देने वाले गर अपने भी हो पराये भी
आशुओं की म्यान बनाओ तलवार दो धारी रखो

मन में कितनी आह हो सदा तुम मुस्कुराओ
जीना है गर जिन्दगी तरकीबें बहुत सारी रखो

सदा शीश झुकाये रहो न इतने वफादार बनो
जमीन पर वो भी आये तुम भी अपनी बारी रखो

गर मोहब्बत का शौक है तो अब इतना जान लो
आखों से सैलाब बहेंगें तकिये की भी तैयारी रखो

©KUMAR MANI(#KM_Poetry)
  #lonelynight