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White देख ख़्वाव खुली आँखो के पुरे नहीं है यहाँ तु

White देख ख़्वाव खुली आँखो के पुरे नहीं है यहाँ 
तु मुझसे नींद के सपनो की बात करता है..!

हकीकत पहचान यहाँ, तेरी हैसियत क्या है 
नींद की बंद आँख खुलते, सपना बिखरता है..!

मुझे चलते फ़िरते सोते तुम ही दिखते हो यहाँ
तुम्हें पता नहीं,भूलने को कितना सहन करता है.!

©Shreyansh Gaurav #दोस्त शायरी शायरी attitude
White देख ख़्वाव खुली आँखो के पुरे नहीं है यहाँ 
तु मुझसे नींद के सपनो की बात करता है..!

हकीकत पहचान यहाँ, तेरी हैसियत क्या है 
नींद की बंद आँख खुलते, सपना बिखरता है..!

मुझे चलते फ़िरते सोते तुम ही दिखते हो यहाँ
तुम्हें पता नहीं,भूलने को कितना सहन करता है.!

©Shreyansh Gaurav #दोस्त शायरी शायरी attitude