बहुत दिनों बाद मैंने अपनी डायरी और कलम उठायी लिखने को, लेकिन अचानक से दूर हो कर कुछ इस कदर मुझको सजा दी उसने लिखता भी क्या जाते जाते डायरी ही मेरी जला दी उसने जिसके खाली दिल को गांव से शहर मैंने बनाया किरायेदार बहुत है कह कर मुझको ही ना पनाह दी उसने डायरी ही जला दी उसने ✍️🌹🙏