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महक उठती है मेरी तन्हाई जब तेरी यादों की मुरली मेर

महक उठती है मेरी तन्हाई
जब तेरी यादों की मुरली मेरी साँसों ने बजाई
चली आती है तूँ राधा बन के 
इस कान्हा के मन में बस तूँ ही है समाई

महक उठती है मेरी तन्हाई
जब-जब तूने अपनी पायल है छनकाई
चले आते हैं सुरों से भरे गीत मेरे
मेरी हर धुन में बस तू ही तो है जो समाई

महक उठती है मेरी तन्हाई
जब तेरे प्यार की खूशबू है यूँ लहराई
चली आती हैं बहारें इन फिज़ाओं में
मेरी ज़िन्दगी में बहार बन के हो तुम यूँ समाई

महक उठती है मेरी तन्हाई
प्यारी सी तेरी बातें लगती हैं इतनी सुरीली
कि खामोश निशा भी गूँजने यूँ लगती है
जैसे बज रही हो चारों तरफ शहनाई Gori Anu Rathour Vaishali Chauhan Pari aggarwal Janet.H
महक उठती है मेरी तन्हाई
जब तेरी यादों की मुरली मेरी साँसों ने बजाई
चली आती है तूँ राधा बन के 
इस कान्हा के मन में बस तूँ ही है समाई

महक उठती है मेरी तन्हाई
जब-जब तूने अपनी पायल है छनकाई
चले आते हैं सुरों से भरे गीत मेरे
मेरी हर धुन में बस तू ही तो है जो समाई

महक उठती है मेरी तन्हाई
जब तेरे प्यार की खूशबू है यूँ लहराई
चली आती हैं बहारें इन फिज़ाओं में
मेरी ज़िन्दगी में बहार बन के हो तुम यूँ समाई

महक उठती है मेरी तन्हाई
प्यारी सी तेरी बातें लगती हैं इतनी सुरीली
कि खामोश निशा भी गूँजने यूँ लगती है
जैसे बज रही हो चारों तरफ शहनाई Gori Anu Rathour Vaishali Chauhan Pari aggarwal Janet.H