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"कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन,

"कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन, 
                मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि" 
                  

वे सारे लड़के, अर्जुन तो थे.......बस उनके हिस्से कृष्ण नहीं आये उनके 
हिस्से आया रोज का 2 जीबी इंटरनेट

उन्होंने अपने कृष्ण को खूब तलाशा....कभी किसी youtuber की बातों में तो कभी सौ
 रुपये की जिंदगी बदल देने वाली किताबों में लेकिन, इन installment में मिली गीता 
ज्ञान ने उन्हें अध्यात्म कम, capitalism ज्यादा सिखाया......

कृष्ण के अभाव में ये अर्जुन नहीं कर पाये, सगे दुर्यधनों, दुःशासनों का वध,
 बल्की अपने ही दिमाग में इन्होंने किया कौरवों का पोषण

किसी द्रोणाचार्य ने नहीं दिया इन्हें सर्वश्रेष्ठ बनाने का वचन.......ये निहारते रहे मछली का जिस्म

द्रौपदियों ने किया आखिरी वक़्त में इन्हें इंकार.......जताया इनकी काबिलियत पर संदेह

ये सारे अर्जुन, अलसाकर अनमने से फिलहाल निपटा रहे हैं Netflix,.........
.कर रहे हैं सरकारी वेकैंसी का इंतजार, एकलव्यों का आगे निकलना इन्हें खलता है,
 ये कोसते हैं आरक्षण को

लेकिन, मुझे है यकीन है एक रोज, ये उठेगें अचानक से इन्हें याद आयेगा, 
कि ये चला सकते हैं धनुष,

रखकर Redmi और Oppo का फोन, उठा लेंगे गांडीव और तोड़ देंगे चक्रव्यूह और निकल आयेंगे बाहर

क्योंकि, चक्रव्यूह से बाहर निकलना अर्जुन को आता था
ऐसा महाभारत हमें बताती है...!!

आपको क्या लगता है........ ये अर्जुन उठा पायेगा गांडिव और तोड पायेगा
 चक्रव्यूह अपने अन्त:करण का................क्या भेद पायेगा मछली की आंख रूपी
 लक्ष्य या सो जायेगा 2 जीबी डाटा निपटाकर ....।

©पूर्वार्थ
  #आज का अर्जुन
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