अभी तो सिर्फ अनसुलझा सवाल हूं, मैं तो खुद का सटीक जवाब ढूंढता हूं। अभी तो सिर्फ कुछ सुनहरे पन्ने बना हूं , मैं तो इन पन्नों की पूरी किताब ढूढता हूं। अभी तो सिर्फ कुछ अभिलाषित हुआ हूं, मैं तो पूरा असीम अनन्त ब्रह्माण्ड ढूंढता हूं। अभी तो सिर्फ धधकती ज्वाला बना हूं, मैं तो प्रज्ज्वलित अखंड प्रकाश ढूंढता हूं। --------------आनन्द ©आनन्द #आनन्द_गाजियाबादी #ढूंढता #Anand_Ghaziabadi #Books