अब न सोचेंगे हम यार तुमको भूल जाएंगे हम कोई मौसमी फल थोड़े है जो लौट आएंगे सिक्के ही देते है दैर-ओ-हरम में सब ये सोच सौदा अच्छा है जो बदले में गर नोट आएंगे ये वो किस्म है जो हमेशा नहीं आती है नज़र मगर चुनाव के मौसम में ये फिर मांगने वोट आएंगे फल कितना भी ऊँचा लगे दरख्त में क्या फर्क नया पेड़ तभी आयेगा जब बीज ज़मीं में लौट आएंगे परिन्दों कभी कैद कर के नहीं रखता हूँ मैं घर मे मोहब्बत होगी गर मुझ से तो यकीनन लौट आएंगे सदियों तक मेरे शेरों को याद रखेगी दुनिया ये वो सिक्के नहीं है कोई जिनमे कभी खोट आएंगे #yqdidi #yqbaba #bestyqhindiquotes #love #vishalvaid #विशालवैद #परिंदे #सिक्के Why we search for smallest denominator in our pocket while giving it in temples though we except many astromical blessings from Almighty.. Just a thought..